राजस्थान की प्रमुख नदियां
▶राजस्थान की नदियां◀
राजस्थान में प्रवाहित होने वाली नदियों को उनके उद्गम प्रवाह मौसमी बरसाती नित्य वाही तथा राज्य के पूर्व में बहने वाली दक्षिण में बहने वाली नदियों को सामान्यतः तीन भागों में विभाजित किया जाता है
1. बंगाल की खाड़ी में जल ले जाने वाली नदियां :-चंबल ,बनास ,बाणगंगा, खारी, कोठारी, कालीसिंध,पार्वती, गंभीरी आदि।
2.अरब सागर में जल ले जाने वाली नदियां:- माही, सोम ,जाखम ,साबरमती, लूनी, पश्चिमी बनास आदि।
3.आंतरिक जल प्रवाह की नदियां:- कान्तली, साबी ,घग्गर ,मेन्था, बाण्डी ,रूपनगढ़ , मसूरदी आदि।
राजस्थान की नदियों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
बाणगंगा नदी के किनारे प्राचीन बैराठ सभ्यता विकसित हुई थी।- बींगोद के समीप बनास,मेनाल एंवम बेडच नदियों का संगम त्रिवेणी कहलाता हैं।- चम्बल एंवम लूणी नदी के प्राचीन नाम क्रमशः चर्मण्वती एंवम लवणवती हैं।- लूणी नदी का जल बालोतरा तक मीठा एंवम बाद में खारा हैं।- माही नदी को आदिवासियों की गंगा,कांठल की गंगा,बांगड़ की गंगा और दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा भी कहा जाता हैं।- माही नदी कर्क रेखा को दो बार पार करती हैं।- माही नदी डूंगरपुर एंवम बांसवाड़ा की सीमा बनाती हैं।- माही,सोम एंवम जाखम के संगम स्थल पर माघ माह की पूर्णिमा को मेले का आयोजन किया जाता हैं जो आदिवासियों के कुम्भ के नाम से प्रसिद्ध हैं।- कालीबंगा सभ्यता घग्घर नदी के किनारे विकसित हुई थी।- घग्घर नदी को मृत नदी के नाम से भी जाना जाता हैं।- काँकनी नदी को स्थानीय भाषा में मसुरदी नदी के नाम से भी जाना जाता हैं।- निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ सलेमाबाद रूपनगढ़ नदी के किनारे स्थित हैं।- बीकानेर एंवम चुरू जिले में कोई नदी प्रवाहित नहीं होती हैं।- अधिक वर्षा के कारण घग्घर नदी का प्रवाह पाकिस्तान के फोर्ट अब्बास तक चला जाता हैं।- गुजरात की मुख्य नदी साबरमती उदयपुर जिले से निकलती हैं।- बेडच नदी को प्राचीन काल में आयड़ नदी के नाम से जाना जाता था।
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