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राजस्थान की जलवायु

राजस्थान की जलवायु जलवायु से तात्पर्य अपेक्षाकृत एक लंबे समय की मौसमी दशाओं के औसत से हैं एक विशाल क्षेत्र में लंबी समयावधि(20-25 वर्ष) या इससे भी अधिक वर्षों में मौसम की विविधताओं तथा अवस्थाओं का कुल योग ही जलवायु है।   राजस्थान एक विशाल प्रदेश हैं जिसकी जलवायु मानसूनी जलवायु का ही एक अभिन्न अंग है । वायुमंडल की औसत दशाओं के आधार पर राजस्थान की जलवायु को अधिकांश लोग मरुस्थलीय जलवायु कहते हैं ।राजस्थान के लगभग 60% भाग पर रेगिस्तान क्षेत्र में मरुस्थल में अर्ध शुष्क जलवायु पाई जाती हैं राजस्थान के दक्षिण पूर्व के जिलों में आद्र जलवायु पाई जाती हैं । जलवायु के प्रमुख तत्व में तापमान   वायुदाब आद्रता वायु की दशाएं आकाशीय दशाएं आदि तत्वों का अध्ययन किया जाता है। राजस्थान की जलवायु की प्रमुख विशेषताएं राजस्थान की जलवायु गर्म और शुष्क हैं राजस्थान के अधिकांश भाग में शुष्क मरुस्थलीय जलवायु पाई जाती हैं तथा कुछ भाग में अर्थ शुष्क जलवायु पाई जाती हैं।  राज्य का विशाल आकार होने के कारण इसमें विविधता तथा विषमता पाई जाती हैं जैसे अरावली के पूर्व में तथा पश्चिम में काफी विभिन्न...

राजस्थान की प्रमुख जातियाँ एवं जनजातियाँ

  राजस्थान की प्रमुख हिंदू जातियाँ 👉 राजपूत: यह जाति देशी रियासतों की शासक थी। प्रदेश की रियासतें राजपूतों की अलग-अलग खांपो (वंश) के अधीन थी।यह जाति अपने राज्य मान मर्यादा को बचाने हेतु केसरिया बाना और परिवार सहित शत्रु के साथ संघर्ष कर वीरगति को प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध थी। 👉 ब्राम्हण: यह जाति राजपूतों के बाद सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह जाति पूजा-पाठ आदि से  आजीविका कमाते हैं।यह जाति वैष्णव धर्म को मानने वाली हैं ,लेकिन इन में शैैव भी काफी हैं। इस जाति में तलाक विधवा विवाह आदि पूर्णतया वर्जित है। 👉 वैश्य

राजस्थान की प्रमुख नदियां

▶ राजस्थान की नदियां◀   राजस्थान में प्रवाहित होने वाली नदियों को उनके उद्गम प्रवाह मौसमी बरसाती नित्य वाही तथा राज्य के पूर्व में बहने वाली दक्षिण में बहने वाली नदियों को सामान्यतः तीन भागों में विभाजित किया जाता है 1. बंगाल की खाड़ी में जल ले जाने वाली नदियां :- चंबल  , बनास ,बाणगंगा, खारी, कोठारी, कालीसिंध,पार्वती, गंभीरी आदि। 2.अरब सागर में जल ले जाने वाली नदियां:- माही, सोम  , जाखम ,साबरमती, लूनी, पश्चिमी बनास आदि। 3.आंतरिक जल प्रवाह की नदियां:- कान्तली,  साबी , घग्गर ,मेन्था, बाण्डी ,रूपनगढ़ , मसूरदी आदि।   राजस्थान की नदियों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य बाणगंगा नदी के किनारे प्राचीन बैराठ सभ्यता विकसित हुई थी।  - बींगोद के समीप बनास,मेनाल एंवम बेडच नदियों का संगम त्रिवेणी कहलाता हैं।  - चम्बल एंवम लूणी नदी के प्राचीन नाम क्रमशः चर्मण्वती एंवम लवणवती हैं।  - लूणी नदी का जल बालोतरा तक मीठा एंवम बाद में खारा हैं।  - माही नदी को आदिवासियों की गंगा,कांठल की गंगा,बांगड़ की गंगा और दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा भी कहा जात...