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राजस्थान :जैव विविधता

Rajasthan gk राजस्थान :वन, वन्य-जीव -जंतु एवं जैव विविधता राजस्थान के कुल क्षेत्रफल के 9.59 प्रतिशत भाग में वन हैं राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर में से 32,828.35 किलोमीटर क्षेत्रफल में वनों का विस्तार हैं। राजस्थान सरकार द्वारा 1949-50 में वन विभाग की स्थापना की गई थी 1952 में राष्ट्रीय वन नीति घोषित हुई जिसके अनुसार देश में 33% भूभाग पर वनों का होना आवश्यक है  1953 में वन अधिनियम पारित कर राजस्थान  सरकार ने वन संरक्षण के कानून बनाए  राजस्थान सरकार की पहली वन नीति 18 फरवरी 2010 को घोषित की गई  1988 में नवीन संशोधित वन नीति का उद्देश्य वनों की सुरक्षा संरक्षण व विकास रखा गया  राज्य में प्रति व्यक्ति वन क्षेत्रफल लगभग 0.03 हेक्टेयर व्यक्ति हैं

राजस्थान की जलवायु

राजस्थान की जलवायु जलवायु से तात्पर्य अपेक्षाकृत एक लंबे समय की मौसमी दशाओं के औसत से हैं एक विशाल क्षेत्र में लंबी समयावधि(20-25 वर्ष) या इससे भी अधिक वर्षों में मौसम की विविधताओं तथा अवस्थाओं का कुल योग ही जलवायु है।   राजस्थान एक विशाल प्रदेश हैं जिसकी जलवायु मानसूनी जलवायु का ही एक अभिन्न अंग है । वायुमंडल की औसत दशाओं के आधार पर राजस्थान की जलवायु को अधिकांश लोग मरुस्थलीय जलवायु कहते हैं ।राजस्थान के लगभग 60% भाग पर रेगिस्तान क्षेत्र में मरुस्थल में अर्ध शुष्क जलवायु पाई जाती हैं राजस्थान के दक्षिण पूर्व के जिलों में आद्र जलवायु पाई जाती हैं । जलवायु के प्रमुख तत्व में तापमान   वायुदाब आद्रता वायु की दशाएं आकाशीय दशाएं आदि तत्वों का अध्ययन किया जाता है। राजस्थान की जलवायु की प्रमुख विशेषताएं राजस्थान की जलवायु गर्म और शुष्क हैं राजस्थान के अधिकांश भाग में शुष्क मरुस्थलीय जलवायु पाई जाती हैं तथा कुछ भाग में अर्थ शुष्क जलवायु पाई जाती हैं।  राज्य का विशाल आकार होने के कारण इसमें विविधता तथा विषमता पाई जाती हैं जैसे अरावली के पूर्व में तथा पश्चिम में काफी विभिन्न...

राजस्थान की प्रमुख जातियाँ एवं जनजातियाँ

  राजस्थान की प्रमुख हिंदू जातियाँ 👉 राजपूत: यह जाति देशी रियासतों की शासक थी। प्रदेश की रियासतें राजपूतों की अलग-अलग खांपो (वंश) के अधीन थी।यह जाति अपने राज्य मान मर्यादा को बचाने हेतु केसरिया बाना और परिवार सहित शत्रु के साथ संघर्ष कर वीरगति को प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध थी। 👉 ब्राम्हण: यह जाति राजपूतों के बाद सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह जाति पूजा-पाठ आदि से  आजीविका कमाते हैं।यह जाति वैष्णव धर्म को मानने वाली हैं ,लेकिन इन में शैैव भी काफी हैं। इस जाति में तलाक विधवा विवाह आदि पूर्णतया वर्जित है। 👉 वैश्य

राजस्थान की प्रमुख नदियां

▶ राजस्थान की नदियां◀   राजस्थान में प्रवाहित होने वाली नदियों को उनके उद्गम प्रवाह मौसमी बरसाती नित्य वाही तथा राज्य के पूर्व में बहने वाली दक्षिण में बहने वाली नदियों को सामान्यतः तीन भागों में विभाजित किया जाता है 1. बंगाल की खाड़ी में जल ले जाने वाली नदियां :- चंबल  , बनास ,बाणगंगा, खारी, कोठारी, कालीसिंध,पार्वती, गंभीरी आदि। 2.अरब सागर में जल ले जाने वाली नदियां:- माही, सोम  , जाखम ,साबरमती, लूनी, पश्चिमी बनास आदि। 3.आंतरिक जल प्रवाह की नदियां:- कान्तली,  साबी , घग्गर ,मेन्था, बाण्डी ,रूपनगढ़ , मसूरदी आदि।   राजस्थान की नदियों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य बाणगंगा नदी के किनारे प्राचीन बैराठ सभ्यता विकसित हुई थी।  - बींगोद के समीप बनास,मेनाल एंवम बेडच नदियों का संगम त्रिवेणी कहलाता हैं।  - चम्बल एंवम लूणी नदी के प्राचीन नाम क्रमशः चर्मण्वती एंवम लवणवती हैं।  - लूणी नदी का जल बालोतरा तक मीठा एंवम बाद में खारा हैं।  - माही नदी को आदिवासियों की गंगा,कांठल की गंगा,बांगड़ की गंगा और दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा भी कहा जात...

राजस्थान:एक परिचय(rajasthan ek parichay) राजस्थान का सामान्य ज्ञान

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                      🔯उपनाम /प्राचीन नाम✅                     ↪ स्थान /क्षेत्र 1. राजस्थान का पूर्वी प्रवेश द्वार                       टोंक 2. जल महलों की नगरी                             डीग (भरतपुर) 3. रेड डायमंड                                               धौलपुर 4. राजस्थान का कानपुर                                   कोटा 5. उद्योगों का शहर                                          कोटा 6. राजस्थान का स्कॉटलैंड    ...

राजस्थान के प्रसिद्ध नृत्य

राजस्थान के प्रसिद्ध नृत्य( famous dances of Rajasthan) नमस्कार आप सभी का इस ब्लॉग पर स्वागत है आज हम राजस्थान के प्रसिद्ध नृत्यो बारे में जानेंगे तो  चलिए शुरू करते हैं राजस्थान के लोक नृत्य राजस्थानी संस्कृति के अनुपम श्रंगार हैं राजस्थान के लोक नृत्य मे लय,ताल, गीत, सूर आदि का सुंदर और संतुलित समन्वय हैं अपनी क्षेत्रीय विशिष्ट वेशभूषा के कारण यह और भी आकर्षक होते हैं इसी प्रकार सामान्य जन द्वारा आनंद व उमंग से भर कर सामूहिक रूप से किए जाने वाले नृत्य को ही लोक नृत्य के नाम से जाना जाता है। राजस्थान के लोक  नृत्यों का कोई वैज्ञानिक वर्गीकरण नहीं किया जा सकता यहां हर क्षेत्र में हर जाति में हर हर्षोल्लास के समय कोई न कोई नृत्य होता है 1. भील जनजाति के नृत्य  भील जनजाति राज्य में उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ एवं भीलवाड़ा जिले में पाई जाती हैं ।भील जनजाति में कई तरह के नृत्य प्रचलित हैं, जो मुख्यतः वृत्ताकार पथ पर किए जाते हैं स्त्री पुरुष के सामूहिक नृत्य में आधा व्रत पुरुषों का एवं आधा व्रत स्त्रियों का होता है।   👉 गैर नृत्यः यह नृत्य मुख्य...

राजस्थान- एक सामान्य परिचय

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  राजस्थान एक सामान्य  परिचय( a General introduction of Rajasthan)                             राजस्थान राज्य भारत के उत्तर पश्चिम दिशा में स्थित है। राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है जो देश के कुल भूभाग के 10.41% में विस्तृत हैं अर्थात राजस्थान राज्य देश का सबसे बड़ा राज्य हैं। राज्य को यह दर्जा 1 नवंबर सन 2000 को  मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के कारण मिला है। राजस्थान राज्य की 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 6,85,48,437 है ।राज्य का भारत में जनसंख्या की दृष्टि से सातवां स्थान है तथा राजस्थान में भारत की कुल जनसंख्या की 5.66 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती हैं। स्थिति--- राजस्थान राज्य के अक्षांशीय व देशांतरीय स्थिति 23 डिग्री 3 मिनट उत्तरी अक्षांश से 30 डिग्री 12 मिनट उत्तरी अक्षांश तथा  69 डिग्री 30 मिनट पूर्वी देशांतर से 78 डिग्री 17 मिनट पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है विस्तार राजस्थान राज्य का विस्तार उत्तर से दक्षिण जो उत्तर में श्री गंगानगर जिले से गंगानगर तहसील ...